भारत और जापान के बीच कूटनीति में लापरवाही के लिए कोई स्थान नहीं है, पारिषदीय मंत्री एस जयशंकर ने कहा।
External Affairs Minister S Jaishankar ने कहा कि भारत और जापान के बीच राजनयिकी में सुविधा के लिए कोई जगह नहीं है। जयशंकर ने कहा कि अगर भारत और टोक्यो एक दूसरे के साथ दुनिया राजनीतिक क्षेत्र में अच्छे से सहयोग कर रहे हैं, जिसमें समेलित संगठन शामिल हैं, तो दोनों देशों के लोगों के बीच कनेक्टिविटी पिछड़ रही है और इसे सुलझाना चाहिए। उन्होंने कहा, "हम दुनिया राजनीति में अच्छे से समर्थन करते हैं, विशेषकर हाल ही में समेलित संगठन में। लेकिन लोगों के बीच संबंध पिछड़े हैं और स्पष्ट रूप से इसे अधिक ध्यान चाहिए।" जयशंकर ने निकेई फोरम पर भारत-जापान रणनीतिक साझेदारी पर अपने भाषण में यह कहा। उन्होंने कहा कि उन्होंने दो किताबें लिखी हैं जिसमें उन्होंने भारत-जापान संबंधों की महत्ता को उठाया है। अपनी पहली किताब ‘भारतीय तरीके’ में, उन्होंने जापान के भविष्य के बारे में चर्चा की है जैसे कि यह “एक महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्था को वापस लाएगा जिसमें भारी प्रौद्योगिकी क्षमताएं हैं।” जयशंकर ने कहा कि इस लेख में उन्होंने समुद्री मुद्दे पर भी ध्यान कें, जहां हो रहे हैं नये समुद्री संतुलन के संदर्भ में काफी परिवर्तन।