एडीटी का शुभारंभ उस समय हुआ जब भारत तेजी से बदलती वैश्विक सुरक्षा गतिकी के बीच अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।
भारत की संज्ञाना शक्ति को नवाचार और प्रौद्योगिकी के माध्यम से बढ़ावा देने के लिए भारतीय रक्षा क्षमताओं पर स्थिर होने का समय आ रहा है, जब वैश्विक सुरक्षा गतिकी द्रास्ति से बदलते हुए भविष्य में भारत के बलसामर्थ्य को बढ़ाने की दिशा में एडीआईटीआई के शुभारंभ की घटना स्थित होती है। एडीआईटीआई कार्यक्रम का शुभारंभ राजनाथ सिंह द्वारा किया गया था। यह पहल, 2023-24 से 2025-26 की अवधि में 750 करोड़ रुपये की बजट आवंटन से लागू होने वाली लगभग 30 डीप-टेक महत्वपूर्ण और रणनीतिक प्रौद्योगिकियों का विकास करने का उद्देश्य रखता है। इस योजना द्वारा 25 करोड़ रुपये तक की प्रायोजनेदायी सहायता प्रदान करके, यह पहल स्टार्ट-अप को अनुसंधान, विकास और रक्षा प्रौद्योगिकी में नवाचार करने की शक्ति देने का उद्देश्य रखती है। इस योजना को भारत की रक्षिका नवाचार की मानचित्र में समकालीन करने का एक प्रयास माना जाता है। अगले वर्ष किए जाने वाले दिफेंस इंडिया स्टार्ट-अप चैलेंज (डीआईएससी) ने भारतीय सशस्त्र सेनाओं के विभिन्न हिस्सों से 22 समस्या विवरण प्रस्तुत किए, जिसमें स्टार्ट-अप्स सुझाव देने के लिए नवाचारी समाधान के आमंत्रित किए गए हैं।