डिजिटल पुल: यूपीआई और रूपे सेवाओं के लॉन्च से भारत, श्रीलंका और मॉरीशस को फिंटेक यात्रा में जोड़े जाने का उद्घाटन
डिजिटल सेतु: यूपीआई और रुपे योजना की सेवाओं का शुभारंभ, भारत, श्रीलंका और मॉरीशस को आर्थिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में समेकित कर रहा है।
इस ऐतिहासिक घटना के माध्यम से आर्थिक प्रौद्योगिकी और डिजिटल संपर्क को मजबूती देने की का एक अध्याय, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, श्रीलंका के राष्ट्रपति रणिल विक्रमेसिंगे और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनौत के साथ, संयुक्त भूमिका में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से श्रीलंका और मॉरीशस में एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) सेवाओं का उद्घाटन करते हुए, मॉरीशस में रुपे कार्ड सेवाएं भी शुरू हुईं, जो सोमवार (12 फरवरी, 2024) को हुआ।
यह त्रिपक्षीय पहल शामिल देशों की डिजिटल परिवर्तन यात्रा में एक यादगार चरम पर कायमी की गई है। श्रीलंका और मॉरीशस में यूपीआई सेवाएं शुरू करने के साथ ही रुपे कार्ड सेवाओं का विस्तार मॉरीशस में, वित्तीय लेन-देन के तरीकों में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने का लक्ष्य है, जो नागरिकों और यात्रियों को एक सुगम, सुरक्षित और कुशल तरीके से डिजिटल भुगतान करने का मौका देगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस सहयोग की महत्वता को महसूस कराया, कहते हुए, "भारत के संयुक्त भुगतान इंटरफेस यूपी शर्तें आज एक नई भूमिका में आ रही है - भारत से साझा बातचीत करने वालों की एकता।" उन्होंने बताया कि डिजिटल सार्वजनिक भूमिका ने भारत में राष्ट्रीय लेन-देन को क्रांतिकारी बनाया है, देश के सबसे दूरस्थ क्षेत्रों में भी वित्तीय लेन-देन में वास्तविक परिवर्तन लाया है। यूपीआई के माध्यम से पिछले साल 2 लाख करोड़ रूपये के करीब 100 अरब लेन-देन के बदलाव को शो करके प्रधानमंत्री ने डिजिटल भुगतान की असीम संभावनाओं का प्रदर्शन किया।
यह उद्घाटन भारत के भरोसे यारने में वित्तीय प्रौद्योगिकी के साथ-साथ उसके विकासशील अनुभवों और तकनीकी उन्नति को साझा करने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
यूपीआई निपटान सेवाएं श्रीलंका और मॉरीशस यात्रियों के लिए, साथ ही मॉरीशस में भारतीय नागरिकों के लिए, रुपय कार्ड सेवाओं का उपयोग अवसरशील और किफायती लेन-देन को सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है।
श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमेसिंगे ने अपनी आशा प्रकट की है कि दोनों देशों के बीच संबंधों में जारी बाग़बंदी और संवाद करेंगे, जबकि मॉरीशस के प्रधानमंत्री जगनाथ ने दोनों देशों के नागरिकों के लिए रुपय कार्ड को एक आँतरराष्ट्रीय कार्ड के रूप में प्राथमिक बनाने की प्रतीक्षा कराई।
भारतीय प्रधानमंत्री ने इस डिजिटल पहल के रणनीतिक महत्त्व को साझा किया है, जो वित्तीय प्रतिबद्धता को मजबूत करने और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं और पर्यटन के गति को तेजी से जोर देने में महत्वपूर्ण है। उन्होंने विश्वास जताया है कि भारतीय पर्यटक यूपीआई सेवाओं वाले स्थानों को अपनी प्राथमिकता बनाएंगे, और भारतीय मूल के लोग श्रीलंका और मॉरीशस में, साथ ही छात्रों को इस मिश्रण करने से विशेष लाभ मिलेगा।
आज का उद्घाटन केवल वैश्विक दक्षिण सहयोग की सफलता का नक्शा ही नहीं बनाता है, बल्कि भारत, श्रीलंका और मॉरीशस के इतिहासिक और दर्शन-दीदार संबंधों को मजबूत करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने संकट के समय पड़ने पर पड़ोसी देशों के प्रति निरंतर सहयोग की आश्वस्ति दी, जिसमें भारत ने विभिन्न आपत्तियों में पहले से तत् कारवाई करने वाली देश की महत्त्वशाली भूमिका की गारंटी दी।
यूपीआई और रुपे सेवाओं के सफल शुभारंभ ने भारत, श्रीलंका और मॉरीशस की सहकारिता के आत्मिक आत्मा और तकनीकी सशक्तिकरण की मिसाल के तौर पर मान्यता प्राप्त की है, जिससे डिजिटल अर्थव्यवस्था में परिवर्तन के माध्यम से विकासशील बदलाव लाए जा सकेंगे और क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभूत को बढ़ावा मिल सकेगा।