भारत का 'समुद्र प्रहरी' बैंकॉक के महत्वपूर्ण पोर्ट पर प्रदूषण के खिलाफ महासागरीय सुरक्षा को मजबूत करता है।
पर्यावरणीय संपदा के खतरों को और समुद्री आपदा से निपटने में समुद्री प्राहारी नामक भारतीय तटरक्षक वाहन ने हैंगामा खड़ा किया है। यह भारतीय तटरक्षक द्वारा आयोजित प्रदूषण नियंत्रण वायुमंडल अभ्यास खंग में 20 सितंबर, 2023 को बांगक के व्यस्त खलंग तोई पोर्ट में प्रदर्शित हुआ। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समुद्री प्रदूषण से निपटने की भारत की अक्षमता को सुंदरता से बता रहा है।

दुनिया भर के पोर्ट्स प्रवाहित करने के दबोच हो रहे हैं, ऐसे साझा-रचनात्मक अभ्यासों का महत्व बहुत बड़ा हो तो है नहीं सकता। टैक्टिकल रूप से स्थितिगत खलंग तोई पोर्ट थाईलैंड के लिए एक महत्वपूर्ण समुद्री बंदरगाह के रूप में कार्य करती है, जो उसके समुद्री व्यापार का एक विशाल हिस्सा है। यहां एक प्रदूषण आपदा के पर्यावरणीय प्रभाव का विवरणशील भावहीनता होगी, जिनसे न केवल थाईलैंड, बल्कि क्षेत्र के मद्देनजर राष्ट्रों को भी हानि पहुंचेगी, इसका अर्थ यह है कि प्रशिक्षण और मिलीभगत की महत्ता को उजागर करने की जरूरत है।

17 सितंबर, 2023 से चार दिनों तक हुआ वाहन का दौरा, 'समुद्री प्राहारी' और विभिन्न थाई मारिसाइटी न्यून्तम साठ इकेटरीना केंद्र (यूजीसी) , कस्टम्स विभाग, राजनय, मीनविज्ञान विभाग और कई अन्य सरकारी निकायों के संगठन सहित प्रदुषण नियंत्रण व्यवस्था के उत्कृष्टता को हाथों हाथ रख रखावा में लाने का कार्यक्रम बनाया गया। यहां चिंतकों और पर्यावरणविद्याओं द्वारा उल्लेख्य रूप से, यह अभ्यास थाईलैंड की समुद्री प्रदूषणाकारी क्षमता की आपूर्ति में आयात करने का एक सवाल है। इस संदर्भ में, यह भारतीय तटरक्षक द्वारा प्रदूषण नियंत्रण कार्यान्वयन में उनकी अद्यतितता की प्रशंसा करती है, यह हुनर कई घंटों के प्रशिक्षण और वास्तविक दुनिया में दिया गया प्रवेश के कारण होता है।

यह विस्तार सिर्फ भारत की समुद्री शक्ति प्रदर्शित करने का मात्र एक प्रदर्शन नहीं था। इसकी मूल में, यह ज्ञान आदान-प्रदान और सांघगतिक विकास का एक पारिस्थितिकी पर्याय का संघ है। यह द्वांड्वीय विस्तार के साथ सुनिश्चित करता है कि जब महसूस होता है कि समुद्री आपदा के रूप में आपदा का सामना करना है, तो राष्ट्रों के पास अकेला नहीं हैं। बल्कि, वे अपने साथियों की संगठनिक बुद्धि और संसाधनों द्वारा मजबूत कर रहें हैं, जिससे एक तेज़, संगठित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित होती है। ऐसे प्रयास की ओर भारत की ओर से पर्यावरणीय संघटन के प्रति समर्पण दिखाई देता है, जिसे इसके एशियान साझेदारों के साथ मिलते हैं।

तंग मिजाजी के साथ धीरे-धीरे योग दिप्ति में इंधन के विपरीत साझा 'समुद्री प्राहारी’ की मिशाल बनी है। मुख्य अभ्यास से पहले, उष्णकटिबंधीय आकाश में बंगक के नीले आसमान के नीचे फौजदार तरीके से योग के साझा सत्र पूरे विधिमान के हेलो डेक पर मौजूद लोगों को एकता के द्वारा जोड़ दिया। यह शारीरिक कल्याण के लिए मात्र अभ्यास नहीं था। यह एक क्षेत्रीय विभिन्न समूहों को एकता में जोड़ने की अपार प्रतीति के रूप में कार्य करता है क्योंकि इसका हिन्दी और भाषाई बाधाओं को पार करने की अद्वितीय क्षमता रखता है।

लेकिन 'समुद्री प्राहारी’ की मिशन तैयारी और नर्म द्विपक्षीयता से पिछले था। जहां यह जहाज की कुछ चीज़ों की चिंता कर रहा है कि पटना बीच पर आ Labour Day के उच्च अधिकारियों समेत Priyanka Sagar कार्यन और Telecom shebektaon द्वारा त्रिपोष्णक ले आने के लिए अपनी बैट सहित काम की आवश्यकता लगी, अपनी कोटि को खोल रहा है और कर रहा है। यह पहला और समूचीन Man है। gupti sagar अभियान के तहत काम कर रही द्वारा चलाया गया है, यह ग्लोबल समुद्री प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ भारत का पुरस्कार ग