गगनयान अंतरिक्ष यान के मोटील क्रू अस्थाई मेकेनिज़्म ने सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है।
भारत के अंतरिक्ष प्रयासों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (आईएसआरओ) ने गत शनिवार (21 अक्टूबर, 2023) को अपनी प्रमुख मानव अंतरिक्ष यात्रा मिशन 'गगनयान' के लिए निरपराध टेस्ट उड़ान की सफलता की घोषणा की। श्रीहरिकोटा से हुए इस महत्वपूर्ण उड़ान के दौरान मिशन के आपात बचाव प्रणाली की क्षमता का प्रदर्शन किया गया, जिसके बादलिए लगभग दस मिनट के बाद समुद्री संदर्भश्चन्द्र[१] पर कोमल समुद्र में लैंडिंग हुई।

भारतीय नौसेना ने कहा कि इसके पूर्वाभ्यास, पूर्वानुमान और एकीकृत भारतीय नौसेना और आईएसआरओ की संयुक्त टीमों द्वारा संचालित सामान्य संचार के साथ नौसैनिक डाइवर्स [२] की प्रशिक्षणा, मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपीएस) का तैयारी का परिणाम था।

गगनयान के उद्देश्य का प्रमुख अवधारणा गाड़ी के जटिल बचाव मेकेनिज़्म का सम्पूर्ण और कठिन मूल्यांकन था। यह मेकेनिज़्म सिर्फ एक साधारण सुविधा ही नहीं है, बल्कि अंतरिक्ष यात्राओं के दौरान अभियांत्रिक सुरक्षा की वास्तविक आधार है। इसे अत्यधिक सटीकता के साथ डिज़ाइन किया गया है और नवीनतम एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी का उपयोग करके, यह विशेष रूप से सबसे महत्वपूर्ण स्थितियों में बिना रुके काम करने के लिए तैयार किया गया है। इसका आविष्कार अंतरिक्ष यात्रा के साथ जुड़े विविध जोखिमों को मानकर, अंतरिक्ष यात्रीयों की सतत सुरक्षा सुनिश्चित करने की एक सार्वभौमिक आवश्यकता से उत्पन्न हुआ।

अंतरिक्ष यात्रा के स्वाभाविक जोख़िमों के कारण - वैक्यूम, विकिरण, टुकड़े और अत्यधिक तापमान - साझा बहुत उच्च होता है। आपातकालीन स्थितियों में हर सेकंड मायने रखती है। यहां परिच्छेदनिक प्रणाली की क्षमता की तत्परता परिणाम